Monday, May 29, 2023

माँ कामाख्या देवी मंदिर का इतिहास

51 शक्तिपीठों में से एक कामाख्या शक्तिपीठ बहुत ही प्रसिद्ध और चमत्कारी है। कामाख्या देवी का मंदिर अघोरियों और तांत्रिकों का गढ़ माना जाता है। असम की राजधानी दिसपुर से लगभग 7 किलोमीटर दूर स्थित यह शक्तिपीठ नीलांचल पर्वत से 10 किलोमीटर दूर है। कामाख्या मंदिर सभी शक्तिपीठों का महापीठ माना जाता है। इस मंदिर में देवी दुर्गा या मां अम्बे की कोई मूर्ति या चित्र आपको दिखाई नहीं देगा। वल्कि मंदिर में एक कुंड बना है जो की हमेशा फूलों से ढ़का रहता है। इस कुंड से हमेशा ही जल निकलता रहतै है। चमत्कारों से भरे इस मंदिर में देवी की योनि की पूजा की जाती है और योनी भाग के यहां होने से माता यहां रजस्वला भी होती हैं। मंदिर से कई अन्य रौचक बातें जुड़ी है, आइए जनते हैं ...
मंदिर धर्म पुराणों के अनुसार माना जाता है कि इस शक्तिपीठ का नाम कामाख्या इसलिए पड़ा क्योंकि इस जगह भगवान शिव का मां सती के प्रति मोह भंग करने के लिए विष्णु भगवान ने अपने चक्र से माता सती के 51 भाग किए थे जहां पर यह भाग गिरे वहां पर माता का एक शक्तिपीठ बन गया और इस जगह माता की योनी गिरी थी, जोकी आज बहुत ही शक्तिशाली पीठ है। यहां वैसे तो सालभर ही भक्तों का तांता लगा रहता है लेकिन दुर्गा पूजा, पोहान बिया, दुर्गादेऊल, वसंती पूजा, मदानदेऊल, अम्बुवासी और मनासा पूजा पर इस मंदिर का अलग ही महत्व है जिसके कारण इन दिनों में लाखों की संख्या में भक्त यहां पहुचतें है।
🙏🏻🌹जय माँ कामाख्या देवी जी 🌹🙏🏻

Wednesday, May 24, 2023

!! हार्ट अटैक !!

!! हार्ट अटैक !!

हमारे  देश  भारत  में  3000 साल  पहले  एक  बहुत  बड़े ऋषि  हुये  थे.
उनका  नाम  था महाऋषि वागवट  जी
उन्होंने   एक   पुस्तक   लिखी थी
जिसका  नाम  है अष्टांग हृदयम
(Astang   hrudayam)
और  इस  पुस्तक  में  उन्होंने बीमारियों  को  ठीक  करने  के लिए 7000 सूत्र  लिखें   थे 
यह  उनमें  से  ही  एक  सूत्र है !
वागवट  जी  लिखते  हैं  कि कभी  भी  हृदय  को  घात  हो रहा  है मतलब  दिल  की  नलियों  मे blockage  होना  शुरू  हो  रहा   है !
तो  इसका  मतलब  है  कि रक्त  (blood)  में , acidity (अम्लता )  बढ़ी  हुई  है 
अम्लता  आप  समझते  हैं !
जिसको  अँग्रेजी  में  कहते  हैं acidity 
अम्लता  दो  तरह  की  होती है 
एक  होती  है   पेट  की अम्लता 
और  एक  होती  है  रक्त (blood)  की  अम्लता 
आपके  पेट  में  अम्लता  जब बढ़ती  है तो आप  कहेंगे
पेट  में जलन सी  हो  रही  है !
खट्टी  खट्टी  डकार  आ रही  हैं !
मुंह  से  पानी  निकल  रहा  है !
और  अगर  ये  अम्लता (acidity) और  बढ़  जाये !
तो  hyperacidity  होगी !
और  यही  पेट  की  अम्लता बढ़ते-बढ़ते  जब  रक्त  में  आती  है  तो  रक्त  अम्लता (blood  acidity)  होती है !
और  जब  blood  में  acidity बढ़ती  है  तो  ये  अम्लीय  रक्त (blood)  दिल  की  नलियों  में से  निकल  नहीं  पाती और  नलियों  में  blockage कर  देता  है !
तभी  heart  attack  होता है  इसके  बिना heart attack  नहीं  होता 
और  ये  आयुर्वेद  का  सबसे बढ़ा  सच  है  जिसको  कोई डाक्टर  आपको  बताता  नहीं 
क्योंकि  इसका  इलाज  सबसे सरल  है !
इलाज  क्या  है ?
वागवट  जी  लिखते  हैं  कि जब  रक्त  (blood)  में  अम्लता  (acidity)  बढ़  गई है तो  आप  ऐसी  चीजों  का उपयोग  करो  जो  क्षारीय  हैं 
आप  जानते  हैं  दो  तरह  की चीजें  होती  हैं 
अम्लीय  और  क्षारीय !
acidic  and  alkaline
अब  अम्ल  और  क्षार  को मिला  दो  तो  क्या  होता है ?
acid  and  alkaline  को मिला  दो  तो  क्या  होता है ?
‼️neutral‼️
होता  है  सब  जानते  हैं !
तो  वागवट  जी  लिखते  हैं कि  रक्त  की  अम्लता  बढ़ी हुई  है  तो  क्षारीय (alkaline) चीजें  खाओ !
तो  रक्त  की  अम्लता (acidity)  neutral  हो जाएगी !
और  रक्त  में  अम्लता neutral  हो  गई !
तो  heart  attack  की जिंदगी  मे  कभी  संभावना  ही नहीं !
ये  है  सारी  कहानी !
अब  आप  पूछेंगे कि  ऐसी कौन  सी  चीजें  हैं  जो  क्षारीय हैं  और  हम  खायें ?
आपके  रसोई  घर  में  ऐसी बहुत  सी  चीजें  है  जो  क्षारीय हैं जिन्हें  आप  खायें  तो  कभी heart attack  न  आए 
और  अगर  आ  गया  है 
तो  दुबारा  न  आए 
यह हम सब जानते हैं कि सबसे  ज्यादा  क्षारीय चीज क्या हैं और सब घर मे आसानी से उपलब्ध रहती हैं, तो वह  है लौकी 
जिसे  दुधी  भी  कहते  हैं 
English  में  इसे  कहते  हैं bottle  gourd
जिसे  आप  सब्जी  के  रूप  में खाते  हैं ! इससे  ज्यादा  कोई  क्षारीय चीज  ही  नहीं  है !
तो  आप  रोज  लौकी  का  रस निकाल-निकाल  कर  पियो या  कच्ची  लौकी  खायो !
वागवट  जी  कहते  हैं  रक्त की  अम्लता  कम  करने  की सबसे  ज्यादा  ताकत  लौकी  में ही  है तो  आप  लौकी  के  रस  का सेवन  करें !
कितना   सेवन करें ?
रोज  200  से  300  मिलीग्राम   पियो !
कब   पिये ?
सुबह  खाली  पेट (toilet जाने के बाद ) पी  सकते  हैं या  नाश्ते  के  आधे  घंटे  के बाद  पी  सकते  हैं 
इस  लौकी  के  रस  को  आप और  ज्यादा  क्षारीय  बना सकते  हैं 
इसमें 7 से 10 पत्ते तुलसी के डाल लो तुलसी  बहुत  क्षारीय  है इसके  साथ  आप  पुदीने  के  7  से 10  पत्ते  मिला  सकते  हैं पुदीना  भी बहुत  क्षारीय  है इसके  साथ  आप  काला नमक  या  सेंधा  नमक  जरूर डाले 
ये भी बहुत क्षारीय है 
लेकिन  याद  रखें
नमक काला या सेंधा ही डाले वो  दूसरा  आयोडीन  युक्त नमक  कभी  न  डाले ये  आओडीन  युक्त  नमक अम्लीय  है 
तो  आप  इस  लौकी  के जूस  का  सेवन  जरूर  करें 
2  से  3  महीने  की  अवधि में आपकी  सारी  heart  की blockage  को  ठीक  कर देगा 
21  वें  दिन  ही  आपको  बहुत ज्यादा  असर  दिखना  शुरू  हो जाएगा 
कोई  आपरेशन  की  आपको जरूरत  नहीं  पड़ेगी 
घर  में  ही  हमारे  भारत  के आयुर्वेद  से  इसका  इलाज  हो जाएगा 
और  आपका  अनमोल  शरीर और  लाखों  रुपए  आपरेशन के  बच  जाएँगे 
आपने  पूरी  पोस्ट  पढ़ी , आपका   बहुत   बहुत धन्यवाद !!
🙏सनातन धर्म सर्वश्रेष्ठ है 🙏